जब मानव के तन पर कपडा नही था तो भी मानवता इस धरती पर आपसी भाईचारे के साथ जिंदा थी
जब मानव के तन पर कपडा नही था तो भी मानवता इस धरती पर आपसी भाईचारे के साथ जिंदा थी
जब मानव ने धरती पर मकान बनाना भी नही सिखा था कंदराओ में रहकर भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब विवाहा प्रथा का चलन नही था तब भी बिना पति पत्नी के मानवता आपसी भाईचारे के साथ धरती पर जिंदा थी।
जब काल्पनिक भगवान इस धरती पर पैदा भी नही हुआ था उस समय भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धरती पर अलग-अलग धर्म की बिमारीया पैदा भी नही हुई थी तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धार्मीक ग्रंथ गीता,बाईबल,कुरान,त्रिपिटाका का निर्माण भी नही हुआ था तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब इस धरती पर महाद्वीप और देश नही बने थे तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब वंश,समाज,परिवार का निर्माण भी नही हुआ था तब भी समाज जिंदा था।
जब धरती पर राजनीतिक पार्टियों का निर्माण भी नही हुआ था तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धरती पर संगठनो का निर्माण भी नही हुआ था तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धरती पर उप-जातिया,जातिया,कबीले,समुदायो का निर्माण भी नही हुआ तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धरती पर पुँजी का निर्माण भी नही हुआ था तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धरती पर खेती करना भी शुरू नही हुआ था तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
जब धरती पर रिस्तो की नीव भी नही पडी थी तब भी आपसी भाईचारा जिंदा था।
आखीर कार मानव मानव के बीच ये भाईचारा खत्म कब हुआ और क्यों हुआ इस पर जरा शोध करे।
मानव मानव के बीच आपसी भाईचारा खत्म करने वाले लोग कौन है? इसका जरूर अध्ययन करे।
जोहार
जिंदाबाद
जय आदिवासी