बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार इंडिया गठबंधन मुस्लिमों के चरणों में

बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार इंडिया गठबंधन मुस्लिमों के चरणों में

बेधड़क…रोख-ठोक…जनसामान्य के सवाल

बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार, भारत में ‘इंडिया गठबंधन’ मुस्लिमों के चरणों में!

देश में एक बड़ा विरोधाभास सामने आ रहा है। बांग्लादेश में मुस्लिम समुदाय हिंदुओं की जानवरों की तरह हत्या कर रहा है, उनके घर, दुकानें और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं। हिंदू समुदाय अपने प्राणों की रक्षा के लिए इधर-उधर भाग रहा है। यूरोप के नेता संदेश दे रहे हैं कि हिंदुओं की हत्या हो रही है, उन्हें सुरक्षा दी जाए! लेकिन भारत में ‘इंडिया गठबंधन’ के नेता अभी भी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हो रही है। उन्होंने इस जघन्य कृत्य की निंदा नहीं की, न ही हिंदुओं की सुरक्षा की अपील की।

सभी ने मौन साध रखा है। अगर मुस्लिमों पर अत्याचार होते तो सभी एकजुट होकर प्रदर्शन करते। कितनी स्वार्थी है यह राजनीति! क्योंकि इसके पीछे उनका राजनीतिक लाभ छिपा है। पहले स्वहित, फिर देशहित, यही ‘इंडिया गठबंधन’ की नीति है। पहले सत्ता! अगर उन्हें एक समुदाय का पूरा समर्थन मिल जाए, तो वे सत्ता हासिल कर सकते हैं। अन्य धर्मों के लोग मारे जाएं, पर जिस समुदाय से उन्हें वोट मिलते हैं, वह हर हाल में सुरक्षित रहना चाहिए।

कुछ समाज और देशद्रोहियों ने देश के खिलाफ काम किया, फिर भी उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। यह मौन समर्थन वोट बैंक के लिए है। बांग्लादेश में कट्टरपंथी एक इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहते हैं, जहां केवल मुस्लिम रह सकें। उन्होंने कहा है कि अगर हिंदुओं को वहां रहना है तो उन्हें मुस्लिम धर्म अपनाना होगा, नहीं तो वे मरने के लिए तैयार रहें।

फिर भी, भारत के कुछ नेता इस पर चुप हैं। उन्होंने एक बार भी निंदा नहीं की। यह कैसे हो सकता है कि वे इतने स्वार्थी हों? देश में आग लग जाए, दूसरे धर्म समाप्त हो जाएं, पर मुस्लिम सुरक्षित रहें! उनके बिना उनका राजनीति करना असंभव हो जाएगा। भारत कई सदियों तक गुलामी में क्यों रहा, इसका कारण कुछ नेताओं की स्वार्थी प्रवृत्ति है।

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के अगले ही दिन भारत की लोकसभा में संशोधित वक्फ बोर्ड विधेयक प्रस्तुत किया गया। इंडिया गठबंधन ने इसका पूरा विरोध किया, जैसे मुस्लिम समाज पर बड़ा अन्याय हो रहा हो। लेकिन जब बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा था, तो एक भी इंडिया गठबंधन सांसद ने इस पर टिप्पणी नहीं की। पर जब इज़राइल और मुस्लिम देशों के बीच संघर्ष हुआ, तो गाज़ा पट्टी के मुस्लिमों का समर्थन किया गया।

गठबंधन का यह भेदभाव क्यों? इसमें उनका स्वार्थ, मतलबी प्रवृत्ति छिपी हुई है। जनता बेवकूफ नहीं है, वह गठबंधन की स्वार्थी नीति को समझ रही है! यह स्वार्थी नीति देश के भविष्य को बर्बाद कर रही है। दो धर्मों के बीच भेदभाव से गृहयुद्ध की स्थिति बन सकती है।

भारत सभी धर्मों का है। सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए ऐसी कूटनीति का प्रयोग करना “फूट डालो और राज करो” की अंग्रेजों की पुरानी नीति को जारी रखना है। भारत में सभी नागरिक समान हैं और सभी का देश पर समान अधिकार है। लेकिन आज, भारत में कुछ नेताओं की स्वार्थी नीति के कारण देश का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।

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