प्रभु श्रीराम
प्रभु श्रीराम
मर्यादा पुरुषोत्तम
थे सर्वोत्तम ॥
प्रभु श्रीराम
एक वचनी पति
दे सदगति ॥
प्रभु श्रीराम
पिता के आज्ञाकारी
मातायें प्यारी ॥
प्रभु श्रीराम
चारो थे भाईभाई
ये रघुरायी ॥
प्रभु श्रीराम
संग लखन सीता
समय बीता ।।
प्रभु श्रीराम
हिरण पीछे चले
रावण छले ॥
हर ली सीता
मायावी साधु भारी
रेखा ये हारी ॥
लड़ा जटायु
रावण अभिमानी
बात न मानी ॥
सीता हरण
जटायू का मरन
राम चरण ॥
सुग्रीव मिले
अंगद – विभीषण
किया रे प्रण ॥
प्रभु श्रीराम
करे लंका चढ़ाई
सेना रे पायी ॥
हनुमान जी
जलाये जब लंका
बजा रे डंका ॥
प्रभु श्रीराम
वानर सेना आयी
मौत की खाई ॥
प्रभु श्रीराम
करे दैत्य संहार
सागर पार ।।
प्रभु श्रीराम
दशानन को मारे
लंका रे हारे ॥
सीता रे चले
अवधपति साथ
मीठी ये बात ।।
प्रभु श्रीराम
रघुकूल में न्यारे
जन को प्यारे ॥
राम लखन
हनुमानजी सीता
युगों की गाथा ॥
– संजय मुकूंदराव निकम
गायत्री नगर, कॅम्प, मालेगाव
८६५७४८८४२६